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Showing posts from December, 2022

सीबीएसई ने जारी की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट

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नई दिल्ली।     सीबीएसई ने गुरुवार को 2023 की बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट जारी कर दी। सीबीएसई की 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2023 से शुरू होकर 21 मार्च 2023 को खत्म होगी। जबकि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2023 से 5 अप्रैल 2023 तक आयोजित की जाएंगी।  10वीं की डेट शीट 👇 12वीं की डेटशीट 👇

ठंड के मद्देनजर वाराणसी में 8 तक के स्कूल बंद

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वाराणसी।       पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद चल रही शीतलहर से मैदानी क्षेत्रों में गलन बढ़ गयी है। जिसे देखते हुए जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इस आशय की जानकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दी है।     इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ अरविन्द कुमार पाठक ने बताया कि जिलाधिकारी एस राजलिंगम के आदेश के अनुपालन में वाराणसी में भीषण ठण्ड और शीतलहर के चलने के कारण छात्र- छात्राओं के स्वास्थ्य के दृष्टिगत जनपद के कक्षा 1 से लेकर 8 तक के सभी परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/ निजी एवं मान्यता प्राप्त सहायता प्राप्त मदरसों, सीबीएससी / आईसीएससी विद्यालयों में 30 और 31 दिसंबर को पूर्ण अवकाश रहेगा।    उन्होंने बताया कि इस निर्देश का अनुपालन न करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

रोटरी क्लब काशी ने किया सुदूर क्षेत्रों में कम्बल व गर्म कपड़ों का वितरण

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  वाराणसी।      रोटरी क्लब काशी द्वारा शहर में गरम कपडे और कम्बल वितरण और पूर्व में किए गए पुराने वस्त्र दान के सफल प्रोजेक्ट को देखते हुए क्लब को दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों के अन्य सेवा संगठन व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उनके क्षेत्रों में भयंकर ठंड से पीड़ित लोगों में कम्बल व गरम कपड़ों के वितरण के आवेदन मिले थे। जिसके मद्देनजर कल २८ दिसंबर को  रोटरी क्लब काशी ने गौतम विहार, मीरापुर,  हरहुआ क्षेत्रों में प्रियांशी  महिला  उत्थान  सेवा  संस्थान के साथ कम्बल और पुराने कपड़ों, को ज़रूरतमंद, विकलांग बच्चों व उनके परिवार, ज़रूरतमंद पुरुषों और महिलाओं में बांटा गया।       रोटरी क्लब काशी के अध्यक्ष आयुष्मान सुरेका ने कहा की दूर गावों में कई ऐसी जगह है जहाँ पर निवास कर रहे गरीब लोगों को इन चीजों की बहुत ज्यादा जरुरत है। रोटरी क्लब काशी को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत कम्बलों और अन्य गर्म कपड़ों की व्यवस्था करके इनका वितरण किया।  हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उन जरुरत मंद लोगो की चेहरे की ख़ुशी देखने लायक थी।        इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब काशी के कार्यक्रम सयोजक रोटेरियन उज्जवल

बढ़ती ठंड के मद्देनजर जारी है जमीअत उलमा बनारस का कम्बल वितरण कार्यक्रम

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हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा। सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना। स्काउट प्रार्थना की उपर्युक्त पंक्ति में निहितार्थ कर्तव्यों का पालन करते दिखे जमीअत यूथ क्लब बनारस के युवा। वाराणसी।          इस समय मौसम की तीव्रता अपने चरम पर है, हर प्राणी शीतलहरी के प्रकोप को झेल रहा है, ऐसे में हमारा धार्मिक एवं मानवीय कर्तव्य है कि असहाय और कमज़ोरों की मदद को हम सक्रिय हों। इसी उद्देश्य से विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी वाराणसी ज़िले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जमीअत उलमा ए बनारस के द्वारा असहाय एवं ज़रूरतमंद लोगों को बिना किसी धार्मिक भेदभाव के हज़ारों की संख्या में कंबल वितरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में कल दिनांक 28 दिसंबर 2022 बुधवार की शाम काशी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर ठंड से ठिठुरते हुए ज़रूरतमंद लोगों को जमीअत यूथ क्लब भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के युवाओं ने जमीअत उलमा दक्षिणी बनारस के उपाध्यक्ष हाजी महमूदुल हसन के नेतृत्व में कंबल वितरित किया।       जमीअत यूथ क्लब बनारस के कनवीनर मुहम्मद रिज़वान  ने बताया कि आज रात हमने यहां अस्सी घाट पर जमीअत सद्भावना मंच बनारस के सदस्य

पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण जरूरी

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वाराणसी।      क्रिसमस एवं  भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जी तथा महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के जन्मदिन के अवसर पर रोटरी क्लब काशी द्वारा अखरी बाईपास स्थित आर्म फोर्सेज की तैयारी कराने के लिए समर्पित संस्थान इंडस रेंजर्स के परिसर में ५० पौधे लगाए गए।       इस अवसर पर रोटरी क्लब काशी के अध्यक्ष आयुष्मान सुरेका  ने कहा "अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छा जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। पेड़-पौधे कार्बन डाइ ऑक्साइड सहित अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वातावरण शुद्ध होता है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते। उन्होंने ये भी कहा कि आज का मानव समाज अपने जीवनचक्र में  तल्लीन होकर ये भूल चुका है  कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। अब समय आ गया है कि हम वृक्षारोपण के महत्व को पहचानें  और उसके लिए अपना योगदान दें।       कार्यक्रम सयोज

कोरोना के नए वैरिएंट के लिए UP सरकार ने जारी की गाइडलाइन

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      कोविड 19 के नए वैरिएंट की कारण बढ़ रहे कोरोना के खतरे के मद्देनजर उत्तरप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ली गयी उच्च स्तरीय बैठक और सलाहकार समिति की रिपोर्ट के बाद उससे संबंधित गाइडलाइन जारी की है। ये गाइडलाइन प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों के मुखियाओं के नाम जारी की गई है।     गाइडलाइन में कहा गया है कि कोविड-19 के नये वैरिएंट (बीएफ. 7) से बचाव एवं उपचार हेतु तत्परतापूर्वक कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। इस हेतु डॉ.आर.के. धीमन, निदेशक, एस.जी.पी.जी.आई. की अध्यक्षता में गठित सलाहकार समिति द्वारा रिपोर्ट (प्रति संलग्न) प्रेषित की गयी है। जिसके तहत  कोविड-19 के नये वैरिएंट के बचाव एवं उपचार के दृष्टिगत निम्नानुसार कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता एवं अपरिहार्यता है: 1. यह ध्यान रखा जाए कि इस वैरिएंट से पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पूर्ण सजगता एवं तत्परता बरती जाए। 2. जांच प्रक्रिया में तेजी लायी जाये। रिपोर्ट पॉजीटिव होने की स्थिति में जीनोम सीक्वेसिंग की जाये। इस हेतु सारी व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। वर्तमान में के.जी.एम.यू. एवं जिम्स, नोयडा जीन

शीतलहर को देखते हुए वाराणसी में बदला स्कूलों का समय

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प्राइमरी से इंटर तक के सभी स्कूल का समय बदला गुरुवार से प्रातः 10:00 बजे से स्कूल खुलेंगे- प्रभारी जिलाधिकारी प्राइमरी तक के विद्यालय अपराहन 2:00 बजे बंद होंगे वाराणसी।      प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि शीतलहर को दृष्टिगत रखते हुए जनपद के इंटर तक के सभी स्कूल गुरुवार से प्रातः 10:00 बजे से संचालित किए जाएंगे।      उन्होंने बताया कि प्राइमरी विद्यालय अपराहन 2:00 बजे बंद होंगे। यह आदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, सीबीएससी, आईसीएससी एवं मदरसा बोर्ड के सभी विद्यालयों पर लागू होगा।

आदिवासी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा जरूरी

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आदिवासियों ने 1857 से पूर्व ही अंग्रेजों का विरोध शुरू कर दिया था आदिवासी समाज का सशक्तिकरण देश के लिए जरूरी     सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक के बहुआर में राइज एंड एक्ट के तहत सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस द्वारा "भारत की परिकल्पना और आदिवासी समाज" पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमे  आदिवासी जीवन और उनकी संस्कृति की चर्चा की गई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि  भारत की परिकल्पना आदिवासियों के योगदान की चर्चा किये बिना अधूरी है। आदिवासियों की जीवन शैली उनके संघर्ष, हक-अधिकार, न्याय,शासन पद्धति, रीति रिवाज, धर्म, दूसरे समाजों से उनका सम्पर्क और त्योहार आदि भारतीय पुरातन संस्कृति का अटूट हिस्सा हैं। आदिवासी प्रकृति के साथ-साथ मानव जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं। आदिवासी महापुरुषों ने 1857 के पूर्व ही अंग्रेजों की नीयत को समझ लिया था। उन्होंने अपनी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए हथियार उठाया न की किसी संस्कृति के विरुद्ध। आजादी के आंदोलन से लेकर भारतीय संविधान के निर्माण के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी।        डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आजादी के आन्दोलन के दौरान ये सपना देखा

जमीअत उलमा की लोहता यूनिट द्वारा किया गया कम्बल वितरण

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वाराणसी।        जमीअत उलमा हिन्द और उसकी सभी इकाइयों द्वारा जनता की ज़रूरतों के समय  जनसेवा के कार्य किये जाने का क्रम लगातार जारी है। इसी क्रम में कल मंगलवार को जमीअत उलमा ज़िला बनारस की लोहता यूनिट की तरफ से भयंकर सर्दी को देखते हुए गरीब और असहाय लोगों में कंबल वितरण किया गया। कम्बल वितरण का ये कार्यक्रम जमीअत उलमा लोहता यूनिट के अध्यक्ष अमीनुद्दीन उर्फ छोटक  के अहाते में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 100  लोगों को कम्बल बांटे गए।      इस मौके पर जमीअत उलमा लोहता यूनिट के अध्यक्ष अमीनुद्दीन, सेक्रेटरी मौलाना जैनुल आबिदीन, हाफिज कलीम, हाजी सलीम, कमरुल हसन ( नेता जी ) सहित जमीअत उलमा ज़िला बनारस के हाजी सलीम अख्तर, शाहिद अजीजी, मौलाना अब्दुल जाहिर, अब्दुल्ला फैसल आदि मौजूद रहे।

उर्दू इंकलाब या बगावत की नहीं मुहब्बत की ज़बान है

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उर्दू पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होने पर आयोजित संगोष्ठी में विद्वानों के विचार   वाराणसी।       उर्दू पत्रकारिता ही बेहतर हिन्दुस्तान के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभा सकती है। उर्दू हिन्दुस्तानी जुबान है इसे किसी एक धर्म से जोड़ना गलत है। ये बाते उर्दू पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज पराड़कर स्मृति भवन मैदागिन में सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस के तत्वावधान में "उर्दू पत्रकारिता कल और आज" विषय पर आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने कही।      अध्यक्षीय संबोधन में प्रोफेसर दीपक मलिक ने कहा कि उर्दू पत्रकारिता आज के दौर में अहम भूमिका निभा सकता है, उसकी वजह ये है कि उस पर किसी तरह का दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उर्दू -हिन्दी के भेद से ही समाज में टूटन हो रहा है। आजादी से पहले उर्दू सबकी जुबान थी लेकिन बंटवारे के बाद उसे एक खास धर्म  की भाषा जान लिया गया जबकि पाकिस्तान की भाषा उर्दू नहीं है।      बीएचयू के प्रोफेसर आर के मंडल ने कहा कि पत्रकारिता भाषा की बंदिशों से स्वतंत्र है, पत्रकारिता की बुनियाद सच्चाई पर है न कि भाषा पर, इसलिए उर्दू पत्रकारिता को मुसलमानों

उर्दू पत्रकारिता कल और आज पर संगोष्ठी कल

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   वाराणसी      सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस के अध्यक्ष डॉ. मुहम्मद आरिफ के अनुसार  उर्दू पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कल रविवार, 18 दिसंबर को दोपहर दो बजे पराड़कर स्मृति भवन मैदागिन में "उर्दू पत्रकारिता कल और आज" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रसिद्ध बुद्धिजीवी एवं पत्रकार अपने विचार व्यक्त करेंगे।      डॉ. मोहम्मद आरिफ ने बताया कि वक्ताओं में प्रो. आर के मंडल, विश्वनाथ गोकरन, प्रो. दीपक मलिक, डॉ. अफजल मिस्बाही, उज्जवल भट्टाचार्य, ए के लारी, तनवीर अहमद एडवोकेट, सैयद फरमान हैदर, रियाज अहमद, डॉ. कासिम अंसारी व के डी एन राय आदि अपने विचार व्यक्त करेंगे।

मानवाधिकार जनकल्याण समिति की वाराणसी इकाई ने किया कम्बल वितरण

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  वाराणसी।    मानवाधिकार जन कल्याण समिति के राष्ट्रीय महासचिव श्री अजित कुमार मिश्र व मंडल सचिव श्री जनमेजय मिश्रा के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के प्रदेश अल्पसंख्यक अध्यक्ष श्री ताहिर शम्स अंसारी जी के नेतृत्व में समिति की वाराणसी इकाई ने मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में सर्दी के मौसम को देखते हुए आर्थिक रूप से कमज़ोर स्थिति वाले 22 सम्मानित  परिवारों का चयन कर उनमें  कंबल वितरण के एक प्रोग्राम का आयोजन किया। ये  आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मण्डल अध्यक्ष श्री सोहैल अंसारी और कुमारी निधि दुबे की संयुक्त अध्यक्षता में दारुस्सलाम गर्ल्स स्कूल, जैतपुरा वाराणसी में किया गया।       इस अवसर पर मण्डल मीडिया प्रभारी श्री सलमान शाहिद ने उपस्थित लोगों से मानवाधिकार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहने और मानवता की सेवा के लिए समर्पित रहने का आह्वाहन किया। साथ ही समिति के सदस्यों को जनता के मानवाधिकार हनन के मामले में पीड़ित का मार्गदर्शन और सहयोग करने और कानूनी सहायता के माध्यम से उसकी समस्याओं का निदान करने के लिए हर संभव प्रयास करने और आवश्यकता पड़ने पर समिति के उच्चाधिकारियों का सहयोग ले

आज अमित शाह करेंगे काशी तमिल संगमम का समापन, कई मार्गों पर रहेगा यातयात प्रतिबंधित

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  वाराणसी।      बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में चल रहे काशी तमिल संगमम् का आज शुक्रवार को समापन हो रहा है। समापन समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह होंगे। जानकारी के अनुसार, गृहमंत्री अमित शाह वाराणसी में शाम पांच बजे से 7.35 तक रहेंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी, तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि भी शामिल होंगे।      मालूम हो कि काशी तमिल संगमम् का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को उद्घाटन किया था। इसका उद्देश्य तमिलनाडु व काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करना रहा। तमिलनाडु के शास्त्रीय व लोक कालाकारों, उद्यमियों, किसानों, खिलाड़ियों आदि के जत्थों में ढाई हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने इस उत्सव में हिस्सा लिया।      आज शुक्रवार के लिए वाराणसी कमिश्नरेट ट्रैफिक पुलिस ने शहर मे रुट डायवर्जन जारी किया है। शुक्रवार को यदि आप सड़कों पर निकलें तो इस खबर को अवश्य पढ़ें। प्रस्तावित रोक/डायवर्जन: वीवीआईपी के आगमन / प्रस्थान के समय रामनगर चौराहा से किसी भी प्रक

हैण्डलूम आइटम को पॉवरलूम पर बनाया तो दर्ज होगी FIR

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      संत कबीर नगर के सहायक आयुक्त उद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अरविन्द कुमार सिंह ने बताया है कि भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय के द्वारा हथकरघा आरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत निम्नलिखित वस्तुओं को हथकरघा उत्पादन हेतु आरक्षित करते हुये पावरलूम आदि पर निम्न वस्तुओं के उत्पादन को प्रतिबंधित करते हुये संज्ञेय अपराध घोषित किया गया है।   हथकरघा के लिये आरक्षित उत्पाद: साड़ी (100 सूती धागा अथवा 100 सिल्क अथवा दोनो का समिश्रण),  धोती ( 100 सूती धागा अथवा 100 सिल्क अथवा दोनो का समिश्रण),  तौलिया और गमछा व अंग वस्त्रम,  लुंगी, खेस, बेडशीट, बेडकवर, जामेखला,  दरी और दरेट (काटन, सिल्क या जूट, ऊनी धागा अथवा इन धागो का समिश्रण),  ड्रेस मैटेरियल-काटन, सिल्क और स्पन सिल्क का मिश्रण,  बैरेक कम्बल, कम्बा कम्बल, शाल, लोई, मफलर, पंखी आदि,  उलेन ट्वीड (कोट, जैकेट, ड्रेस मैटेरियल) एवं चद्दर, मेखला है।        उन्होंने बताया कि उपरोक्त वस्तुओं का पावरलूम पर उत्पादन करते हुये किसी बुनकर / उद्यमी को पाया जाता है। तो उसके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुये हथकरघा आरक्षण अधिनियम 1985 के अन्तर्गत कानूनी कार्य