सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए होगा सामूहिक प्रयास
- मुत्तहिदा उलमा काउंसिल के पहले जलसे में हुआ एलान
वाराणसी।
उलमा नबी के वारिस हैं, उन्होंने कुरान व हदीस की नूरानी तालीम हासिल की है जिसकी रोशनी में वे उन चीजों को देख सकते हैं जिनको अन्य इंसान नहीं देख सकता। हमें समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए उलमा के नेतृत्व में आगे बढ़ना होगा। यह बातें कल रविवार को दालमंडी स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने के मैरिज हाल में नवसृजित मुत्ताहिदा उलमा काउंसिल बनारस के पहले इजलास आम में वक्ताओं ने कही। अपने अध्यक्षीय भाषण में काउंसिल के संरक्षक मौलाना ज़कीउल्लाह कादरी ने कहा की संयुक्त प्रयास से समाज में फैली बुराइयों पर प्रभावी काबू पाया जा सकता है।
सुन्नी, देवबंदी, शिया, अहलेहदीस क्यों आये एक प्लेटफार्म पर
मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए सुन्नी, देवबंदी, शिया, अहलेहदीस आदि सभी फिरकों के मौलाना पहली बार एक मंच पर आए हैं। उन्होंने आपस में भाईचारगी बढ़ाने, समाज को शिक्षित करने और देश की अखंडता व एकता को बरकरार रखने के मकसद से मुत्तहिदा उलमा काउंसिल बनारस का गठन किया है। जिसकी सुप्रीम बॉडी मजलिस शूरा होगी। मुस्लिम समाज से जुड़े किसी भी मुद्दे पर शूरा में शामिल सभी मसलक के उलमा जो निर्णय लेंगे वह सर्वमान्य होगा।
मालूम हो कि एक लंबे विचार विमर्श के बाद बनारस के सभी मसलक के उलमा ए केराम ने मुत्तहिदा उलमा कॉउन्सिल बनारस के नाम से एक रजिस्टर्ड संगठन कायम करने की मंजूरी दी जिसकी सुप्रीम बॉडी मजलिस शूरा होगी। जिसमें 16 उलमा के साथ अमीनुदीन को बतौर कन्वीनर शामिल किया गया। ये भी तय पाया कि मजलिस शूरा में कोई ओहदा नही होगा सबकी हैसियत एक समान होगी। मीटिंग होने पर बारी बारी से एक बाद दूसरे उलमा की सदारत होगी। मजलिस शूरा में लिए गए फैसले के क्रियान्वयन के लिए कार्यकारिणी समिति, जिसको राब्ता कमेटी के नाम से जाना जाएगा की होगी। राब्ता कमेटी में ज़िम्मेदारियों के सुचारू निर्वहन के लिए पदाधिकारी मनोनीत किये गए हैं।
जलसे का आगाज़ हाफिज मोहम्मद ज़ाहिद की तेलावत क़ुरआन व नअत से हुआ। जलसे को मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, मौलाना अब्दुल्ला नासिर कासमी, मौलाना गुलाम नबी ज़ियायी, मौलाना इश्तियाक अली, मौलाना अब्दुल गफ्फार सल्फी और संस्था के वैधानिक सलाहकार तनवीर अहमद एडवोकेट ने खिताब किया। संचालन और स्वागत सलमान शाहिद और धन्यवाद ज्ञापन संयोजक अमीनुदीन ने किया।
काउंसिल के मीडिया सचिव गुफरान नजीब ने बताया कि इजलास में मुख्य उपस्थिति मौलाना अहसन जमील, मौलाना वलीउल्लाह, मौलाना शमीम, मौलाना ओसामा, मौलाना नादिर, हाजी अब्दुल अजीज, मौलाना वैस, इश्तियाक अहमद, जावेद इक़बाल, मोहम्मद अज़ीम, अब्दुल ख़ालिक़, शाकिर सिद्दीकी, आकिब खान, ताहिर शम्स, रेहानुल हक़, आबिद शेख, बशीर अहमद, अब्दुल्ला फैसल, शाहिद अज़ीज़ी, मनाज़िर हुसैन मंजू, ज़ुबैर आदिल आदि की रही।
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