गंगा के घटते जलस्तर के साथ बढ़ रहा बीमारी का खतरा

वाराणसी।

     काशीवासियों को अब बाढ़ से राहत मिलना शुरू हो गयी है। उफनाई गंगा और वरुणा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे जा चुका है लेकिन अभी चेतावनी बिंदु के आसपास है।  बीते 36 घंटे में वाराणसी में गंगा का जलस्तर 90 सेंटीमीटर कम हुआ है। वाराणसी में 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर घट रहा है।

        केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार की सुबह 7 बजे तक गंगा का वाटर लेवल 71.24 मीटर दर्ज किया गया। जो रात 11 बजे चेतावनी बिन्दु से 10 सेंटीमीटर ऊपर 70.36 मीटर दर्ज किया गया। गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर से 90 सेंटीमीटर नीचे जा चुकी है लेकिन बाढ़ का पानी जैसे-जैसे शहर से कम  हो रहा है, वैसे-वैसे गंगा की मिट्टी सड़कों, गलियों और लोगों के घरों में जमा होती जा रही है। यही नहीं जहां-जहां पर जल जमाव जैसी स्थिति हुई है, वहां डेंगू और मलेरिया के मच्छर के लार्वा मिल रहे हैं। जिले में अभी तक डेंगू के 4 मरीज सामने आ चुके हैं।

      गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आने के बाद शहर की सड़कों से भी अब पानी हटने लगा है, लेकिन बाढ़ के चलते मार्गों पर जमी सिल्ट अब एक नई चुनौती बनकर सामने आ रही है। 

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