पहाड़ों पर पानी शहरों में परेशानी
- वाराणसी में गंगा ने चेतावनी बिंदु को छुआ
- खतरे के निशान से मात्र एक मीटर दूर
- अभी बढ़ाव जारी रहने का अनुमान
- बाढ़ राहत शिविरों में बढ़ रही भीड़
वाराणसी।
पहाड़ों पर बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने वाराणसी में बाढ़ की स्थिति को बदतर कर दिया है। गत 21 अगस्त रविवार को दोपहर 2 बजे से गंगा के जलस्तर 69.77 मीटर पर स्थिर होने के बाद घटना शुरू हुआ था जोकि 23 अगस्त मंगल को देर रात 69.08 मीटर पर पहुंचा था। लेकिन 24 अगस्त बुधवार की सुबह से ही दुबारा जलस्तर बढ़ने लगा जोकि बुधवार की रात 12 बजे 69.66 मीटर पर पहुँच गया था।
आज गुरुवार की दोपहर 1 बजे गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर रिकार्ड किया गया जोकि चेतावनी बिंदु 70.26 को पार कर गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा में बढ़ाव जारी रहने का अनुमान है क्योंकि उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश में हुई बारिश के चलते वहां की नदियां उफान पर हैं। धौलपुर बैराज व माता टीला डैम से लगभग 11 लाख क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया है। इससे गंगा में बढ़ाव के अभी जारी रहने की संभावना है।
गंगा में बढ़ाव के चलते वरुणा में भी पलट प्रवाह शुरू हो गया है जिससे गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाके ढेलवरिया, सरैयां, कोनिया, नक्खीघाट, सलारपुर, शैलपुत्री, मारुति नगर समेत कई मोहल्ले बाढ़ की ज़द में आ गए हैं।
अस्सी की सड़कों पर गंगा का पानी हिलोरें मार रहा है तो नगवा और सामनेघाट में भी पानी सड़कों पर बहने लगा है।
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