किसान आंदोलन के सामने झुकी मोदी सरकार
- तीनों कृषि कानून वापस लेने का मोदी का एलान
- कुछ किसानों को कृषि कानून का महत्व न समझा पाने के कारण कानून वापस लेना कहाँ तक न्यायसंगत?
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 10 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून बिल वापस लेने की घोषणा कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने कहा है कि मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें (किसानों को) कृषि कानूनों के फायदे समझा नहीं पाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। आज मैं आपको यह बताने आया हूं, कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। मेरी किसानों से अपील है कि अपने घरीं और खेतों में लौटें।
जाने और क्या रही प्रधानमंत्री के संबोधन की खास बातें:- शुरुआत करते हुए PM मोदी ने कहा कि, आज गुरुनानक देव जी का पवित्र प्रकाश पर्व है। मैं विश्वभर में सभी लोगों को और सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।
- उन्होंने कहा कि, ये भी बहुत सुखद है, कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है।
- मोदी ने कहा कि अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को उन्होंने बहुत करीब से देखा है।
- जब देश ने हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।
- इसके साथ ही वे बोले कि, देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए, हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया है।
- सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीमकोटेड यूरिया, रायल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा।
- इसके साथ ही किसानों से कहा कि, किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी अनेक कदम उठाए गए। देश ने अपने Rural market infrastructure को मजबूत किया है।
- MSP पर उन्होंने कहा कि, हमने MSP तो बढ़ाई ही साथ ही साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए।
- हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
- उनका ये भी कहना था कि, देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया। मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं।
- मोदी ने कहा कि किसानों को उनकी सरकार में अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले।
- कृषि कानूनों पर उन्होंने कहा कि, आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीन कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।
- उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। जबकि कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने और प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।
- जीरो बजट खेती पर उन्होंने कहा कि, आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है, जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए।
- MSP को लेकर आज PM मोदी का ये भी कहना था कि, MSP को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य का ध्यान रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री भी शामिल होंगे।
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