Tata की हुई Air India
देश की राष्ट्रीय एयरलाइंस एयर इंडिया का भी निजीकरण हो गया है। टाटा संस ने 18000 करोड़ की बोली लगा कर एयर इंडिया को खरीद लिया है। यह तो सर्वविवदित है कि बीते कुछ सालों से एयर इंडिया की हालत खस्ताहाल थी और लगातार इसकी माली हालत सुधारने के लिए इसे निजीकरण के दायरे में लाने की बात चल रही थी। इसी बीच अच्छी खबर यह है कि एयर इंडिया की घर वापसी हुई है। यानी कि 68 साल बाद एयर इंडिया की कमान टाटा संस के हाथों में आ गई है।
मालूम हो कि 18000 करोड़ की एयर इंडिया की बोली टाटा संस ने लगाई थी जबकि जेट के चेयरमैन अजय सिंह ने ₹15100 करोड़ की बोली लगाई थी। इस तरह करीब 68 साल बाद एअर इंडिया घर वापसी करेगी। इस बिडिंग में दो कंपनियां- टाटा समूह और स्पाइसजेट शामिल थी, और एयर इंडिया के टाटा के ही खाते में जाने की संभावना ज्यादा थी, जो कि अब आधिकारिक तौर पर हो ही गई है। इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था।
आपको बता दें कि जे आर डी टाटा, जो खुद भी एक कुशल पायलट थे, ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी, जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई और 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी। 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई। अब टाटा ग्रुप की टाटा संस के पास 68 साल के बाद एक बार फिर एयर इंडिया का मालिकाना हक वापस आ गया है। मालूम हो कि टाटा संस की टाटा ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, और ये टाटा समूह की प्रमुख स्टेकहोल्डर है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया। वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली।इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉरपोरेशन एक्ट पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई।
Comments
Post a Comment