सड़क हादसे में मास्टर हज ट्रेनर Dr Akbar Ali का इंतेक़ाल
वाराणसी।
नगर के चौक थाना अंतर्गत दालमंडी निवासी नगर के प्रसिद्ध एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और जनरल फिजिशियन डॉ. अकबर अली (59 वर्ष) की आज सुबह एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। आप शहर के अलग-अलग अस्पतालों में सेवा देने के साथ ही अपने घर पर भी मरीज़ों को देखा करते थे। डॉ. अली इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी वाराणसी के प्रबंध समिति और नीमा के सदस्य थे। आप पूर्वांचल हज सेवा समिति के संस्थापक महासचिव भी थे। आप हज कमेटी ऑफ इंडिया के मास्टर हज ट्रेनर और वाराणसी इम्बारकेशन के लिए राज्य हज समिति के संयोजक थे। आपने लगभग 35 साल मदनपुरा स्थित जनता सेवा अस्पताल की निःशुल्क सेवा की। फिलहाल आप अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर भी थे। कोरोना काल में भी आप मरीज़ों की सेवा में सराहनीय तौर से सक्रिय रहे थे।
एक बेटे और चार बेटियों के पिता डॉ. अकबर अली सोमवार की सुबह भी रोज़ की तरह स्कूटी से अपने घर से रामकटोरा स्थित निजी नर्सिंग होम के लिए निकले थे कि मैदागिन पर तेज रफ्तार कंक्रीट मिक्सर ट्रक के धक्के से वे गिर गए और वे ट्रक के पिछले पहिया के नीचे आ गए। हादसे के बाद ड्राइवर ट्रक छोड़ कर फरार हो गया। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने उन्हें मंडलीय अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कथित डम्फर शहर में जारी विकास परियोजनाओं से संबंधित कार्यदायी संस्था का बताया जा रहा है। पुलिस डम्फर को कब्जे में लेकर उसके रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से चालक का पता लगा रही है। उधर हादसे के बाद उनकी पत्नी और बच्चे रो रो कर बेसुध हालत में हैं। जनता अस्पताल में भर्ती मरीज़ो को आपकी मृत्यु का यकीन नही हो रहा और अक्सर मरीज़ व उनके परिजन खबर सुनकर रोने लगे। डॉ अकबर अली मृदुल भाषी और हँसमुख व्यक्तित्व के धनी थे। मरीज़ों के साथ ही हाजियों की खिदमत भी उनका जुनून था। पूर्वांचल हज सेवा समिति, जनता सेवा अस्पताल, जमीअत उलेमा ज़िला बनारस, मरकज़ी सीरतुन्नबी कमेटी, सुल्तान क्लब सहित कई संगठनों ने डॉ. अली के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। जबकि दालमंडी स्थित डॉ. साहब के आस पास बल्कि नई सड़क को छोड़ कर दालमंडी की सारी दुकानें आज शोक में बंद है। आपके अंतिम दर्शन करने वालो का तांता लगा हुआ है। हर आने वाला डॉक्टर साहब को आंसुओं का नज़राना पेश कर रहा है।
डॉ.अकबर अली साहब की तदफीन मग़रिब की नमाज़ के बाद पिप्लानी कटरा के सामने स्थित बाबू मियां के कब्रिस्तान में हुई। जनाज़े की नमाज़ दालमंडी में हज़रत मौलाना सूफी ज़किउल्लाह क़ादरी साहब ने पढ़ाई। उनके आखरी सफर में हज़ारों की भीड़ डॉक्टर साहब के हरदिल अज़ीज़ी कहानी खुद बयान कर रही थी।
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