Covishield वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित–डा. अकबर अली

 

  • गर्भवती महिलाओं को छोड़ सभी लगवाएं

वाराणसी।

      2019 में चीन में जन्मी बीमारी कोविड-19 ने देखते देखते लगभग पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया। मार्च 2020 में कोरोना के विकराल रूप के कारण भारत में भी लॉक डाउन की सख्त पाबंदियाँ लगाना पड़ा था। हमारे शहर वाराणसी ने भी पिछले साल अक्टूबर महीने में कोरोना पर काबू पा लिया था। लेकिन इस वर्ष फरवरी में विश्व के कुछ देशों में कोरोना की दूसरी लहर ने आतंक मचाना शुरू किया और भारत भी उससे बच न सका। केंद्र और राज्य सरकारें सीमित संसाधनों के बावजूद इसपर काबू पाने में सफलता हासिल करने की ओर अग्रसर हैं हालांकि कोरोना से  अत्यधिक मौतों ने कई सवाल भी खड़े किए हैं। 



        कोरोना की पहली लहर के समय ही अनेक देशों के साथ भारत ने भी इसकी वैक्सीन पर काम शुरू कर दिया था और भारत ने कोविशिल्ड और कोवाक्सिन के रूप में कोरोना का टीका विकसित भी कर लिया है और तमाम प्रयोगों के बाद इसका लगना भी शुरू हो गया है। लेकिन हर नई चीज में भ्रम पैदा करने वालों ने कोरोना वैक्सीन के बारे में भी अनेकों प्रकार के दुष्प्रचार कर लोगों में भ्रम पैदा कर दिया जिससे लोग वैक्सीनेशन से बचने लगे। सही तथ्यों से जनता को अवगत कराने के क्रम में हमने जनता सेवा अस्पताल के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और पूर्वांचल हज सेवा समिति के महासचिव डा. अकबर अली से कोरोना वैक्सीन के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को छोड़ 18 साल के ऊपर सभी को कोरोना वैक्सीन लगवानी चाहिए। सोशल मीडिया पर प्रचारित वैक्सीन को असरहीन बताने वाली बातें तथ्यों से परे हैं और उसमें कोई सच्चाई नही है। डा. अली ने बताया कि वैक्सीन लगवाने में सिर्फ इतना एहतियात करना है कि जो लोग कोरोना, हार्ट अटैक, अस्थमा या शुगर बढ़ने के बाद स्वस्थ हुए हैं  वे लोग स्वस्थ होने के चार हफ्ते बाद वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन के बाद भी कुछ लोगों को कोरोना होने के संबंध में उन्होंने बताया कि एन्टीबॉडी बनने में चार हफ्ते का समय लगता है इस लिए उससे पहले किसी को कोरोना हो जाना चिंता का विषय नही है और वैक्सिन लेने के बाद भी अगर कोरोना होता है वह नियंत्रित रहता है और उसकी रिकवरी शतप्रतिशत है। डा. अकबर अली ने बताया कि वैक्सीन के बाद भी मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करते रहें और कुछ दिनों के लिए अपनी दिनचर्या में सुबह और रात को सोने से पहले गरम पानी से गरारे और भाप लेने को शामिल करलें, इससे कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। विदित हो कि फ्रंटलाइन वर्कर होने के नाते डॉक्टर अकबर अली को 18 फरवरी को पहली और 18 मार्च को दूसरी डोज़ दी जा चुकी है। 


       प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हरहुआ के चिकित्सक डा. नदीम ने बताया कि ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज़ प्राथमिकता के आधार पर कोरोना की वैक्सीन लगवाएं इसलिए कि उससे बनने वाला एन्टीबॉडी उससे लड़ने में सहायक होगा। वैक्सीन के साइड इफेक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि कई अन्य टीकों की तरह कोरोना के टीके से भी किसी किसी को बुखार आ सकता है। बुखार आने पर डॉक्टरी सलाह से पैरासिटामोल लिया जा सकता है।


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