शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया स्कूल खोलने के लिए दिशा निर्देश

  • अभिभावकों की लिखित सहमति के बग़ैर स्कूल नहीं आ सकते बच्चे
  • उपस्थिति और अवकाश की नीतियों में लाना होगा लचीलापन

          कोरोना के चलते lockdown के बीच लगातार बन्द चले आ रहे स्कूलों को अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स में 15 अक्टूबर से खोलने को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दिशानिर्देश जारी कर दिया है। जिसमें स्कूल परिसरों और उसके फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, पानी के टैंकों,  कैन्टीन, शौचालयों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों आदि की पूरी तरह से सफाई और उन्हें संक्रमणमुक्त रखना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उपस्थिति और अवकाश की नीतियों में लचीलापन लाने की सलाह दी गयी है। मंत्रालय ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान जारी ऑनलाइन पढ़ाई को औपचारिक स्कूल प्रणाली तक चरणबद्ध  तरीके से बदलना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीति निर्धारण करने को भी कहा है। 

     मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपने स्थानीय हालात के मद्देनजर कोरोना से बचाव हेतु स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सावधानियों को प्राथमिकता देते हुए SOP बनाने का निर्देश दिया है जिससे मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही इन दिशा निर्देशों के प्रचार प्रसार के लिए नोटिस, पोस्टर, अभिभावकों से संवाद आदि का सहारा लेने की सलाह दी गयी है। छात्र अपने माता-पिता की लिखित सहमति से ही स्कूल आ सकते हैं। छात्र चाहें तो स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई को ही प्राथमिकता दे सकते हैं। स्कूल पुन: खुलने के दो से तीन सप्ताह तक कोई मूल्यांकान नही किया जा सकेगा। गौरतलब है कि देशभर में कोरोना महामारी के कारण विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च को बंद करने का आदेश दिया गया था और पूरे देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा दिए जाने के कारण अभी तक बन्द चल रहे थे। अब अनलॉक चरण में कंटेन्मेंट ज़ोन के बाहर के स्कूल,  कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानो को 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दे दी गयी है। इस बारे में अंतिम निर्णय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर छोड़ा गया है।


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