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नज़ीर बनारसी की जयंती पर काशी में होगा नामचीन शायरों का जुटान
वाराणसी। कल सोमवार को सायं 5 बजे से नागरी नाटक मंडली, कबीरचौरा वाराणसी में नज़ीर बनारसी अकादमी और डॉ अमृत लाल इशरत मेमोरियल सोसाइटी (सनबीम ग्रुप) के संयुक्त तत्वाधान में वाराणसी के प्रसिद्ध शायर व कवि पद्मश्री नज़ीर बनारसी की 113वीं जयंती के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय मुशायरा व कवि सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें माजिद देवबंदी दिल्ली, अज़हर इक़बाल मेरठ, जमुना उपाध्याय अयोध्या, हेलाल बदायूनी, सबा बलरामपुरी, मानसी द्विवेदी लखनऊ सहित देश के नामचीन शायर और कवि शिरकत करेंगे। उससे पहले 'नज़ीर बनारसी यादों के आईने में' नामक पुस्तक का विमोचन भी होगा। जिसके मुख्य अतिथि काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर ए के त्यागी होंगे, जबकि सम्मानित अतिथि कृष्ण कुमार यादव पोस्टमॉस्टर जनरल वाराणसी रीजन होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संकटमोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशम्भर नाथ मिश्रा करेंगे। ये बातें पराड़कर भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नज़ीर बनारसी अकादमी के अध्यक्ष और उनके सुपुत्र सगीर अहमद बनारसी ने बताई। इस अवसर पर रेयाज़ अहमद, अफरोज़ ज़हीर, तनवीर अहमद आदि उपस्थित रहे।
सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए होगा सामूहिक प्रयास
मुत्तहिदा उलमा काउंसिल के पहले जलसे में हुआ एलान वाराणसी। उलमा नबी के वारिस हैं, उन्होंने कुरान व हदीस की नूरानी तालीम हासिल की है जिसकी रोशनी में वे उन चीजों को देख सकते हैं जिनको अन्य इंसान नहीं देख सकता। हमें समाज से बुराइयों को दूर करने के लिए उलमा के नेतृत्व में आगे बढ़ना होगा। यह बातें कल रविवार को दालमंडी स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने के मैरिज हाल में नवसृजित मुत्ताहिदा उलमा काउंसिल बनारस के पहले इजलास आम में वक्ताओं ने कही। अपने अध्यक्षीय भाषण में काउंसिल के संरक्षक मौलाना ज़कीउल्लाह कादरी ने कहा की संयुक्त प्रयास से समाज में फैली बुराइयों पर प्रभावी काबू पाया जा सकता है। सुन्नी, देवबंदी, शिया, अहलेहदीस क्यों आये एक प्लेटफार्म पर मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए सुन्नी, देवबंदी, शिया, अहलेहदीस आदि सभी फिरकों के मौलाना पहली बार एक मंच पर आए हैं। उन्होंने आपस में भाईचारगी बढ़ाने, समाज को शिक्षित करने और देश की अखंडता व एकता को बरकरार रखने के मकसद से मुत्तहिदा उलमा काउंसिल बनारस का गठन किया है। जिसकी सुप्रीम बॉडी मजलिस शूरा
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