बुनकरों को दी जा रही फ्लैट रेट बिजली बन्द किये जाने का मुद्दा गरमाया
- बुनकर आर पार की लड़ाई के mood में
- एक सितंबर से बुनकर करेंगे प्रदेशव्यापी बंदी
26 मार्च 2020 बुधवार को 2006 से बुनकरों को दी जा रही फ्लैट रेट की बिजली को योगी सरकार द्वारा बन्द कर दिए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेश बुनकर सभा, वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ और बुनकर तंजीमों की संयुक्त बैठक लोहता में आयोजित की गई। जिसमें जौनपुर, गोरखपुर, मऊ, कानपुर, फैज़ाबाद, टाण्डा आदि जिलों के बुनकर प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। जिसमें निर्णय लिया गया कि एक सितंबर से प्रदेश भर के बुनकर पॉवरलूम बन्द करके शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करेंगे। और बुनकरों को फ्लैट रेट से दी जा रही बिजली बहाल न किये जाने पर आगे सामूहिक रूप से बिजली कनेक्शन कटवाने का आवेदन करेंगे। वक्ताओं ने कोरोना के नाम पर सरकार द्वारा लॉक डाउन के दौरान बंद पड़े पावरलूमों के बावजूद विद्युत विभाग द्वारा मनमानी बिजली बिल भेजने पर नाराज़गी व्यक्त की। साथ ही भुखमरी और फ़ाक़ाकशी के कगार पर खड़े बुनकरों का विद्युत विभाग द्वारा किये जा रहे शोषण और उत्पीड़न पर रोष व्यक्त किया। बैठक की अध्यक्षता हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बुनकर सभा ने किया।
इस कार्यक्रम के बाद चौकाघाट में उपाध्यक्ष अकरम अंसारी के आवास पर एक संयुक्त प्रेस कांस्फ्रेंस कर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मिडिया को साक्षात्कार देते हुऐ प्रदेश अध्यक्ष ने बुनकर संघर्ष की कहानी को विस्तार से बताया। अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या 1403/ 63- व0उ0- 2019 /60 एच/ 2016 टीसी- 11 दिनांक 4.12. 2019 के द्वारा बुनकरों के फ्लैट रेट शासनादेश संख्या 1969/ 24-पी-3- 2006 दिनांक 14.6.2006 पर रोक लगा देने के कारण पूरे प्रदेश में विद्युत विभाग एवं हथकरघा विभाग द्वारा बुनकरों का शोषण उत्पीड़न किए जाने पर विचार विमर्श किया गया इस संबंध में वाराणसी के माननीय अशोक धवन जी एमएलसी और मेरठ के विधायक जनाब रफीक अहमद अंसारी साहब ने 31.12 .2019 को माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर नए शासनादेश को रोकने का आग्रह किया जिस पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि मार्च 2020 तक पुराने फ्लैट रेट योजना लागू रहेगी आगे नया प्रस्ताव जो बुनकरों के हित में होगा उसको पास करके अप्रैल 2020 से लागू करेंगें इसके लिए कई चक्र की मीटिंग उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के प्रतिनिधियों तथा माननीय हथकरघा मंत्री के बीच में हुई सभी मीटिंग्स में माननीय अशोक धवन जी एमएलसी और जनाब रफीक अहमद अंसारी साहब विधायक उपस्थित रहे। दिनांक 17 मार्च 2020 को अंतिम मीटिंग हुई थी जिसमें यह तय हो गया था कि मार्च 2020 तक पुराने फ्लैट रेट के आधार पर बिल जमा होगी और एक नया प्रस्ताव कैबिनेट से पास कर अप्रैल 2020 से लागू किया जाएगा। परंतु 24 मार्च 2020 से कोविड-19 के कारण पूरे देश में लॉक डाउन हो जाने के कारण कोई भी आदेश सरकार की तरफ से जारी नहीं हो सका। लॉकडाउन के कारण सबसे बुरा प्रभाव कपड़ा उद्योग पर पड़ा बुनकरों के पावर लूम पूरी तरह से बंद हो गए बाजार में कपड़े की खपत कम हो गई बुनकरों का पावरलूम कुटीर लघु उद्योग तो पहले से ही मंदी के दौर से गुजर रहा था रही सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दिया। पावरलूम कुटीर उद्योग की कमर ही तोड़ दिया ऐसे में जब बुनकरों के पावर लूम धन्धे को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक पैकेज की आवश्यकता थी वहीं पर विद्युत विभाग ने नए शासनादेश दिनांक 4.12. 2019 के आधार पर एक जनवरी 2020 से मीटर यूनिट के आधार पर उनसे वसूली का दबाव बनाना शुरू कर दिया और शोषण करने लगे। पासबुक पर चुकता होने के बाद भी कई कई लाख का बकाया बता रहे हैं। बुनकरों के कनेक्शन काटे जाने लगे जिससे मजबूर होकर उत्तर प्रदेश के बुनकर ने सांकेतिक तौर पर अपने पावरलूमों को दिनांक 1 जुलाई 2020 से 7 जुलाई 2020 तक बंद कर अपनी मांगों को उठाया था। इस संबंध में दिनांक 7 जुलाई 2020 को हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बुनकर सभा ने अंबेडकर नगर के सांसद माननीय रितेश पांडे जी के साथ माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर उक्त समस्या के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने बार-बार कहा कि उन्होंने नया शासनादेश दिनांक 4.12. 2019 को रोक दिया है और आपको कोई परेशान नहीं करेगा। इसके लिए शीघ्र ही लिखित आदेश भी चला जाएगा। यह भी बताना है कि दिनांक 4.12 .2019 को जारी आदेश को विद्युुुत नियामक आयोग द्वारा स्वीकृति नहीं प्रदान की गई है और न ही लागू की गई है। ऐसी स्थिति में जब माननीय मुख्यमंत्री जी बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने नए शासनादेश को रोक दिया है तथा विद्युत नियामक आयोग ने भी लिखित सूचना दिया है कि उसके द्वारा नए शासनादेश को स्वीकृति नहीं दी गई है और यह लागू नहीं है। और जबकि कोरोना लॉक डाउन के कारण बंद पड़े पावरलूमों से बुनकर भुखमरी और फाकाकशी के बीच अत्यधिक मानसिक तनाव के दौर से गुज़र रहे हैं ऐसी दशा में विद्युत विभाग द्वारा नए शासनादेश के नाम पर जबरन यूनिट की वसूली की कोशिश और कनेक्शन काटकर बुनकरों का उत्पीड़न और शोषण किया जाना सरासर अवैधानिक है और यह विद्युत नियामक आयोग के टेरिफ ऑर्डर का भी उल्लंघन है। नया शासनादेश हमें मंजूर नहीं है इससे हम केवल बकायेदार होंगे हम लोग माननीय मुख्यमंत्री जी के आश्वासन पर 8 माह के बकाए दार हो गए अब हम आगे और बकायेदार नहीं होना चाहते हैं अतः प्रदेश संचालन समिति के उपस्थित सभी सदस्यों एवं वाराणसी के अन्य जनप्रतिनिधियों व बुनकर विरादराना तंजीम बावनी, बाइसी, चौदहों, पांचों, बारहो और चौंतीस सरदार के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि आगामी 1 सितंबर 2020 से प्रदेश के समस्त पावर लूम अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इसी के साथ ही यदि 15 सितंबर तक कोई निर्णय नहीं हुआ तो मजबूरन प्रदेश के समस्त बुनकर अपने पावरलूमों के विद्युत कनेक्शनों को सामूहिक तौर पर पीडी कराने को आवेदन करेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी। हम अपने मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए धरना एवं प्रदर्शन भी करेंगे। हम बुनकर वाराणसी में हो रही प्रदेश की संचालन समिति की बैठक के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि पावरलूम बुनकरों की समस्या पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उनके पुराने शासनादेश 2006 को यथावत जारी रखते हुए सरकार फ्लैट रेट में उचित मूल्य वृद्धि कर दे और प्रदेश के पावर लूम लघु कुटीर उद्योग को तबाह होने से बचा ले।
वाराणसी वस्त्र बुनकर संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कान्त राय ने हथकरघा व वस्त्र उद्योग विभाग पर करारा चोट करते हुए पत्रकारों को बताये कि यह वही हथकरघा विभाग है जिसने प्रदेश में हैंडलूमों को बरबाद कर दिया अब पावरलूम धन्धे को बरबाद करने पर उतारु है। ऐसा हम बुनकर साथी कतई नहीं होने देगें। बहुत कम संसाधनों के बावजूद टेक्सटाइल सेक्टर ही ऐसा सेक्टर है जो अन्य उद्योगों की अपेक्षा सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराता है। किसानों को दी जा रही कई सरकारी सुविधाओं के सापेक्ष में श्री राय ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बुनकरों को सरकार द्वारा दी जा रही एक मात्र सुविधा फ्लैट रेट पर दी जाने वाली बिजली व्यवस्था को बहाल नही किया गया तो सरकार खामियाजा भुगतने के लिये तैयार रहे क्योंकि हम प्रभावित होने वाले करोड़ों की तादाद में है। हमारा बुनकर आज गांधीजी का चरखा जरूर चला रहा है लेकिन कब सुभाषचंद्र बोष बन जायेगा हम कह नहीं सकते। 2022 के पहले बुनकर भी दांव चलेगा और बुनकर हितों की रक्षा करने वाली सरकार ही इस सूबे में चलेगी।
सभा और पत्रकार वार्ता को सफल बनाने में श्याम जी, मनीष काबरा, अनिल मुंद्रा, अंजन सोमानी, संजय मौर्य, अकरम अंसारी, ज़ीशान आलम, इरशाद, मुख्तार, अब्दुल्लाह, रमज़ान अली पार्षद आदि का विशेष सहयोग रहा।
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