डी वाई चंद्रचूड़ होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

 नई दिल्ली।

    भारत के राष्ट्रपति ने 9 नवंबर, 2022 से न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ वर्तमान सीजेआई यूयू ललित की सेवानिवृत्ति के बाद भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

    निवर्तमान CJI यू यू ललित ने 11 अक्टूबर को अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की थी। CJI के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक दो साल से अधिक का होगा, जिससे यह हालिया दिनों में CJI के लिए सबसे लंबी अवधि में से एक बन जाएगा। 

      मालूम हो कि जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16 वें मुख्य न्यायाधीश रहे थे।

       न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ अपने उदार और प्रगतिशील निर्णयों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में एक सुनवाई के दौरान उनकी टिप्पणी कि 'पत्नी पति की प्रॉपर्टी नही है, वो जिससे चाहे संबंध बना सकती है' पर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। उनका सबसे हालिया निर्णय अविवाहित महिलाओं के 24 सप्ताह तक के गर्भपात की मांग के अधिकारों को बरकरार रखने वाला निर्णय है। वह उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने सहमति से समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। अनुच्छेद 21 के तहत निजता को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी। व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया। वह बहुमत का हिस्सा था जिसने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभी उम्र की महिलाओं के अधिकार को बरकरार रखा। जस्टिस चंद्रचूड़ 5 जजों की उस बेंच के भी सदस्य थे, जिसने अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले का फैसला किया था।

      न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था। इससे पहले, वह 31 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उनके न्यायिक करियर की शुरुआत 29 मार्च 2000 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति के साथ हुई थी। वह 1998 से न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे। उन्हें 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

       न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए किया है। उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी पाठ्यक्रम पूरा किया और हार्वर्ड लॉ स्कूल, यूएसए से एलएलएम की डिग्री और न्यायिक विज्ञान (एसजेडी) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।


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