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Showing posts from July, 2020

अनलॉक 3 में खोले गए जिम और योगा केंद्र

अनलॉक 3 की गाइडलाइंस जारी लॉक डाउन की पाबंदियां कंटेन्मेंट ज़ोन तक सीमित नहीं खुलेंगे सिनेमा हाल और थिएटर स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान भी रहेंगे बंद बड़े जमावड़े पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा मेट्रो भी अभी बंद रहेगी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वतंत्रता दिवस के आयोजन की अनुमति योग केंद्र और जिम खुलेंगे रात्रि कर्फ्यू समाप्त            केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक 3 की गाइडलाइंस जारी करते हुए लॉक डाउन को कंटेन्मेंट ज़ोन तक सीमित कर दिया है। उसके अतिरिक्त बाक़ी सभी जगहों में मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की पाबंदी को ज़रूरी करार दिया है।           एक अगस्त से 31 अगस्त तक के लिए जारी गाइडलाइंस में बताया गया है कि राज्य और केंद्रशाषित प्रदेशों और विभिन्न मंत्रालयों से व्यापक विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि सिनेमा हाल, थिएटर, स्कूल कॉलेज, स्विमिंग पूल, पार्क अभी बन्द रहेंगे। साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, शैक्षणिक और खेल मनोरंजन के बड़े जमवाड़े पर प्रतिबन्ध जारी रहेगा। सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान, तम्बाकू, गुटखा आदि का सेवन प्रतिबंधित किया गया है। मेट्रो ट्रेन का

ईदुल अज़हा की सामूहिक नमाज़ अदा करने की मांग

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        सेवा में, श्रीमान DGP महोदय, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ व       श्रीमान जिलाधिकारी महोदय, वाराणसी।   विषय : ईदुल अज़हा गाइडलाइंस और वाराणसी में आदेशित शनि,रवि और सोमवार की बंदी में संशोधन के संबंध में। महोदय :  उपरोक्त आदेश के संबंध में अवगत कराना है कि एक अगस्त शनिवार को मुस्लिम बंधुओं का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार ईदुल अजहा (जिसे बकरीद भी कहा जाता है) पड़ेगा। जिस दिन मुस्लिम बंधु मस्जिदों और ईदगाहों में दो रकअत विशेष नमाज अदा करते हैं। नमाज़ के बाद घर वापस लौट कर ईदुल अज़हा और उसके बाद के दो दिन जानवरों की कुर्बानी पेश की जाती है। इस प्रकार एक, दो और तीन अगस्त शनिवार, रविवार और सोमवार को कुर्बानी की जाएगी। कुर्बानी के बाद गोश्त को (तबर्रुक) अर्थात प्रसादस्वरूप गरीबों और उन घरों में भेजा जाता है जो कुर्बानी नहीं करते। उन्हीं तीन दिनों में लॉक डाउन किये जाने की सूरत में आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए निवेदन है कि उन तीन दिनों में लॉक डाउन के नियमों में ढील देने का आदेश जारी करें। साथ ही अवगत कराना चाहता हूं कि लॉक डाउन का पूर्ण पालन करते हुए मुस्लिम बंधु

क्या वाराणसी में कोरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या के लिए प्रशासन ज़िम्मेदार है?

क्या वाराणसी में कोरोना मरीज़ों की बढ़ती संख्या के लिए प्रशासन ज़िम्मेदार है? क्या सड़क के एक पटरी की दुकानें alternate day और कम समय के लिए खोले जाने से होती है बाज़ारों में भीड़? क्या जुर्माना वसूली से नियंत्रित होगा कोरोना?            वाराणसी में पिछले एक सप्ताह से अचानक कोरोना संक्रमित मरीज़ों की गिनती में उछाल आ गया है। और प्रतिदिन ये संख्या अर्धशतक बनाते हुए शतक मारने का प्रयत्न करती हुई सोमवार को उसमे कामयाब भी हो गयी जब संक्रमितों का आंकड़ा 115 पर पहुंच गया जबकि मंगलवार और बुधवार को ये नर्वस नाईन्टीज का शिकार होकर क्रमशः 93 व 97 पर सीमित रह गया। गुरुवार 16 जुलाई से बुधवार 22 जुलाई तक ज़िले में कुल 597 कोरोना पॉजिटिव मरीज़ पाए गए।  क्या सड़क की पटरियों की दुकानें alternate day और कम समय के लिए खोलने से बाज़ारों में हो रही भीड़ है संक्रमितों की बढ़ती संख्या का कारण? इस समय पूरे उत्तर प्रदेश में पांच दिन का सप्ताह घोषित कर दिया गया है। और वाराणसी के ज़िला प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रदेश सरकार की अनलॉक वन की गाइडलाइंस के बरख़िलाफ़ ज़िले में सड़क की दोनों पटरियों की दुकानों को बारी ब

फ़ाक़ाकशी करते बुनकरों को लगाया जा रहा बिजली का झटका

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फाकाकशी पर मजबूर बुनकरों को दिया जा रहा बिजली का झटका कोरोना महामारी के चलते लगे लॉक डाउन की समयावधि में दैनिक वेतनभोगी मज़दूरों के बाद अगर किसी वर्ग के सामने जीवनयापन का सबसे कठिन समय चल रहा है तो वो विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी बनाने वाला बुनकर समाज है। लॉक डाउन के शुरूआती दिनों से ही करघे और पॉवरलूम बंद हैं। आमदनी का कोई श्रोत नही है। फाकाकशी के बीच बिजली विभाग द्वारा बार बार भेजे जा रहे बकाए के मैसेज ने उनकी रातों की नींद उड़ा दी है। अगर हम प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बात करें तो ये शहर डिज़ाइनर बनारसी साड़ियों के साथ ही स्कार्फ़ आदि के लिए भी विश्व में प्रसिद्ध है। परन्तु लॉक डाउन लगते ही बनारस की गलियों से हमेशा आने वाली करघे और पॉवरलूम की खटर पटर की आवाज़ धीरे धीरे थम गई और उसी के साथ इस खटर पटर से जुड़े साठ हजार बुनकर परिवारों के चूल्हे की आग मद्धिम पड़ते हुए आज ठंडी हो चुकी है। जिससे बुनकारी पेशे से जुड़े पांच लाख लोगों के सामने रोज़ी रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। परिवार के भरण पोषण के लिए बुनकरों में किसी ने पावरलूम बेच दिया तो किसी ने पत्नी के गहने बेचे। ऐसे