बनारस की सियासी तारीख के अहम किरदार
● डॉ. मोहम्मद आरिफ का विशेष लेख स्वतंत्रता सेनानी विशेश्वर मुखर्जी उर्फ विशु दा की दसवीं पुण्यतिथि पर विशेष लेख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश ट्रेड यूनियन के जनक, जुझारू वामपंथी नेता कामरेड विशेश्वर मुख़र्जी उर्फ विशु दा की आज दसवीं पुण्यतिथि है। वे सिनेमा कर्मचारी यूनियन, तांगा चालक यूनियन, हिण्डालको वर्क्स यूनियन , कोयलरी यूनियन, सीमेंट यूनियन बनाने वाले उत्तर प्रदेश के पहले नेतृत्वकर्ता थे। उनके लंबे संघर्ष के बाद गोदौलिया चौराहे पर तांगा स्टैंड बना। बाद में उसी के ऊपर बिना किसी प्रतिरोध के काशी हिन्दू विश्व विद्यालय का पुस्तकालय और अध्ययन केंद्र बना। विशु दा अपने विद्यार्थी जीवन से ही स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय थे। नतीजतन उन्हे तत्कालीन गोरी सरकार के अन्याय का शिकार होना पड़ा तथा 1938-39 और 1940-42 के दौरान लंबे समय तक जेल की कठोर सजा भुगतनी पड़ी। उन्हें इण्टरमीडिएट की परीक्षा जेल में रहते हुए पैरोल पर देनी पड़ी। जेल में उनके साथी पण्डित कमलापति त्रिपाठी और श्रीप्रकाश जी थे। जेल में ही उन्होंने अंग्रेजी की शिक्षा श्रीप्रकाश जी से ग्रहण